
Elon Musk का दावा: बाइडेन प्रशासन ने स्पेसएक्स को सुनीता विलियम्स और अन्य NASA अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने से रोका
स्पेसएक्स के संस्थापक Elon Musk हाल ही में दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने उनकी कंपनी को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे NASA अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने की अनुमति नहीं दी। इसमें भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
NASA के “बोइंग स्टारलाइनर” मिशन में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके कारण अंतरिक्ष यात्री समय पर पृथ्वी पर वापस नहीं लौट सके। इस मिशन के तहत सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुटच विलमोर को जून 2024 में ISS पर भेजा गया था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते उनकी वापसी में देरी हो रही है।
Elon Musk ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि उनकी कंपनी स्पेसएक्स के पास सुरक्षित वापसी के लिए पर्याप्त संसाधन थे, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
NASA की प्रतिक्रिया
NASA ने इस दावे को सीधे तौर पर खारिज नहीं किया लेकिन यह स्पष्ट किया कि वे स्टारलाइनर की समस्याओं को हल करने के लिए काम कर रहे हैं। NASA ने भरोसा दिलाया कि उनके अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित हैं और सही समय पर पृथ्वी पर लौटेंगे।
स्पेसएक्स और बोइंग के बीच प्रतिस्पर्धा
स्पेसएक्स और बोइंग दोनों कंपनियां NASA के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा हैं, जिसके तहत अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक पहुँचाने और वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई है। स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन पहले ही कई सफल मिशन कर चुका है, जबकि बोइंग के स्टारलाइनर को बार-बार तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
क्या हो सकता है आगे?
अगर स्टारलाइनर की समस्याएँ जल्दी हल नहीं होतीं, तो NASA को अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन पर निर्भर रहना पड़ सकता है। यह मामला केवल तकनीकी नहीं, बल्कि राजनीतिक और कॉर्पोरेट प्रतिस्पर्धा से भी जुड़ा हुआ है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि NASA और बाइडेन प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या स्पेसएक्स को भविष्य में ऐसे बचाव अभियानों की अनुमति दी जाएगी।